
यह विचार कि अन्यजाति परमेश्वर के लोगों में शामिल हैं केवल इसलिए कि वे प्रार्थना और गीत गाते समय परमेश्वर का नाम लेते हैं, एक भ्रम है। जब भी पुराना नियम या यीशु के शब्द परमेश्वर के लोगों का उल्लेख करते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से इस्राएल की ओर होता है, जो परमेश्वर द्वारा चुनी गई राष्ट्र है, जिसके साथ शाश्वत परित्याग की संधि हुई है। परमेश्वर के लोगों का हिस्सा बनने का एकमात्र तरीका इस्राएल से जुड़ना है, क्योंकि परमेश्वर ने कभी भी अन्य राष्ट्रों को अपना लोग नहीं कहा है। कोई भी अन्यजाति इस्राएल से जुड़ सकता है, बशर्ते वह उन्हीं नियमों का पालन करे जो प्रभु ने इस्राएल को दिए हैं। पिता उस अन्यजाति की आस्था और साहस को देखते हैं; वे अपना प्रेम उस पर बरसाते हैं, उसे इस्राएल से जोड़ते हैं और उसे पुत्र के पास क्षमा और उद्धार के लिए ले जाते हैं। यह उद्धार की योजना है जो समझ में आती है, क्योंकि यह सच्ची है। | जो अन्यजाति के लोग प्रभु से जुड़ेंगे, उसकी सेवा करने के लिए, इस प्रकार उसके सेवक बनकर… और जो मेरे वचन पर दृढ़ रहेगा, उसे भी मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले जाऊँगा। (यशायाह 56:6-7)
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